Bharat Ke Pramukh Bandargah (Indian Ports) -किसी भी देश के लिए बंदरगाह बहुत जरूरी होता है। बंदरगाह पर प्रतिदिन दूसरे जगह से हजारों जहां जाते हैं और जाते हैं। बंदरगाह प्रमुख व्यापार को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाता है। बंदरगाह के मदद से समुद्री मार्गों के द्वारा हम दूसरे देशों से कोयला, पेट्रोलियम, कपड़ा, लोहा, अयस्क, ऑटोमोबाइल आदि जैसी कई चीजों का Export और Import करते हैं। भारत में कई ऐसे प्रमुख बंदरगाह है जो भारत के 95% व्यापार और मूल के हिसाब से 70% व्यापार को चलते हैं।
ऐसे में अगर आप भी Bharat Ke Pramukh Bandargah के बारे में जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यहां तक की प्रमुख बंदरगाह के बारे में प्रतियोगी परीक्षाएं में भी प्रश्न पूछे जाते हैं इसलिए इनके बारे में जानकारी रखना बेहद जरूरी है। अगर आप भारत के प्रमुख बंदरगाह के बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
भारत के 13 प्रमुख बंदरगाह की सूची | Bharat Ke Pramukh Bandargah Ki Suchi
आपको बता दे कि भारत भारत का समुद्री तट लगभग 7517 किलोमीटर में फैला हुआ है। भारत के समुद्री तट पर लगभग 13 बड़े बंदरगाह मौजूद है जबकि 200 से ज्यादा छोटे बंदरगाह है। बंदरगाहों के द्वारा भारत को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं और साथ ही भारत की हिंद महासागर में राजनीतिक स्थिति का भी लाभ होता है। यहां पर हम आपको प्रदीप के पश्चिमी और पूर्वी तटों पर मौजूद 12 प्रमुख बंदरगाह की सूची बताएं हैं:-
SN. | बंदरगाह का नाम | राज्य |
1. | दीनदयाल बंदरगाह (कांडला बंदरगाह) | गुजरात |
2. | मुंबई पोर्ट ट्रस्ट | महाराष्ट्र |
3. | जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) | महाराष्ट्र |
4. | मोरमुगाओ बंदरगाह | गोवा |
5. | न्यू मैंगलोर बंदरगाह | कर्नाटक |
6. | श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह (कोलकाता बंदरगाह) | पश्चिम बंगाल |
7. | कोच्चि (कोचीन) बंदरगाह | केरल |
8. | चेन्नई बंदरगाह | तमिलनाडु |
9. | कामराजर बंदरगाह (एन्नोर बंदरगाह) | तमिलनाडु |
10. | पारादीप बंदरगाह | ओडिशा |
11। | विशाखापत्तनम बंदरगाह | आंध्र प्रदेश |
12. | तूतीकोरिन बंदरगाह | तमिलनाडु |
13. | वधावन बंदरगाह (निर्माणाधीन) | महाराष्ट्र |
14. | पोर्ट ब्लेयर (स्थिति हटा दी गई) | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह |
दीनदयाल बंदरगाह (कांडला बंदरगाह)
दीनदयाल बंदरगाह जिसे पहले के समय में कांडला बंदरगाह के नाम से जाना जाता था। यह बंदरगाह गुजरात के कच्छ जिले में मौजूद है जिसकी स्थापना साल 1955 में किया गया था। वही भारतीय बंदरगाह अधिनियम 1908 के तहत साल 2017 इस बंदरगाह का नाम Change करके दीनदयाल बंदरगाह रखा गया है।
यह प्राकृतिक बंदरगाह है जिसे Cargo Handling के अनुसार भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह माना गया है। दीनदयाल बंदरगाह मुख्य रूप से अनाज, रसायन, पेट्रोलियम, नमक, वस्त्र, शुल्क माल, थोक तरल आदि का Import और Export करता हैं।
नोट-Bharat Ka Sabse Bada Bandargah -कांदला बंदरगाह
चेन्नई बंदरगाह
Bharat Ke Pramukh Bandargah में से एक चेन्नई बंदरगाह का स्थापना 1881 में हुआ था, यह भारत का दूसरे सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह है। चेन्नई बंदरगाह धातु, मिशनरी, कच्चे तेल का Import करता है जबकि ऑटोमोबाइल, वस्त्र, इंजीनियरिंग सामान आदि चीजों का Export करता हैं।
चेन्नई बंदरगाह भारत और रूस के बीच हो रही व्यापार को बढ़ाता है और साथ ही यात्रा समय भी 40 दिनों से कम होकर 24 दोनों का हो जाता है। चेन्नई बंदरगाह के मदद से तमिलनाडु में व्यापार और आर्थिक विकास में बहुत सुधार आया है।
मुंबई पोर्ट ट्रस्ट
मुंबई पोर्ट ट्रस्ट का सबसे बड़ा बंदरगाह है, इसका स्थापना सन 1873 में किया गया था। इस बंदरगाह को पहले बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट के नाम से जाना जाता था। इसे भारतीय कृषि बाजार का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। मुंबई बंदरगाह पर प्रमुख रूप से ऑटोमोबाइल, उर्वरक, कीटनाशक दवाइयां, कपास, पेट्रोलियम आदि का Import और Export किया जाता है। मुंबई बंदरगाह के विकल्प के रूप में नेहरू पोर्ट का निर्माण किया गया है। यह भारत का सबसे बड़ा Artificial बंदरगाह है। साथ ही इस बंदरगाह पर सबसे ज्यादा Technology का भी इस्तेमाल किया गया है।
कोचीन बंदरगाह
कोचिंग बंदरगाह केरल में स्थित है, जो भारत का सबसे पुराना यानी प्राचीन बंदरगाह और Bharat Ke Pramukh Bandargah में से एक है। कोचिंग बंदरगाह को अरब सागर की रानी भी कहा जाता है। यह बंदरगाह हिंद महासागर और लक्षद्वीप सागर को जोड़ता है।
इस बंदरगाह पर मुख्य रूप से मसाले, मछली, उर्वरक, रबर, समुद्री खाद आदि का Export होता हैं, जबकि कच्चा तेल, कोयला, चमड़े का सामान, मशीनरी का Import होता है। कोचिंग बंदरगाह के मदद से भारत पश्चिमी व्यापार को नियंत्रित करता है। आपको बता दें की कोचिंग शिपयार्ड भारत का सबसे बड़ा शिपयार्ड है।
कोलकाता बंदरगाह
कोलकाता बंदरगाह हुगली नदी के मुहाने पर स्थित है। यह बंदरगाह पूर्वी तट का सबसे बड़ा बंदरगाह है और साथ ही भारत का सबसे बड़ा दूसरा बंदरगाह है। इस बंदरगाह पर मुख्य रूप से जुट, चावल, उर्वरक, चमड़े का सामान आदि का एक्सपोर्ट और इंपोर्ट किया जाता है।
कोलकाता बंदरगाह का नाम बदलकर श्याम प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह किया गया है। इसके अलावा कोलकाता बंदरगाह का भी एक विकल्प बंदरगाह बनाया गया है जिसका नाम हल्दिया बंदरगाह है। इसकी स्थापना ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा किया गया था और यह समुद्र से लगभग 203 किलोमीटर दूर है।
विशाखापट्टनम बंदरगाह
विशाखापट्टनम बंदरगाह आंध्र प्रदेश में स्थित है, जिसका स्थापना 20वीं सदी के शुरुआत में हुआ था। यह बंदरगाह भारत के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक माना गया है। इस बंदरगाह पर मुख्य तौर से समुद्री भोजन, इस्पात, लोहा, अयस्क, तापीय कोयला आदि का Export होता हैं, जबकि अलग-अलग व्यवसायों के लिए रसायन कृषि उत्पादन और मशीनरी का Import होता हैं।
भू राजनीतिक विचार से इस बंदरगाह का बहुत महत्व है, क्योंकि यह हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रभाव को बढ़ता है और साथ ही दक्षिणी-पूर्व एशिया और मध्य एशिया को एक साथ में जोड़ता है।
वीओ चिदंबरनार पोर्ट ट्रस्ट (तूतीकोरिन पोर्ट)
पहले के समय में वीओ चिदंबरनार बंदरगाह को ही तूतीकोरिन पोर्ट के नाम से जाना जाता है। यह बंदरगाह तमिलनाडु के थूथुकुडी में स्थित है। इसे 11 जुलाई 1974 को Bharat Ke Pramukh Bandargah में शामिल किया गया था। यह तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है जबकि भारत का तीसरा सबसे बड़ा कंटेनर टर्मिनल है।
इस बंदरगाह का नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और समुद्री अग्रणी वी.ओ चिंदबरम पिल्लई के नाम पर रखा गया है। इस बंदरगाह से कच्चे तेल, कोयला, मशीनरी, उर्वरक जैसे चीजों का Import होता है जबकि समुद्री भोजन, सीमेंट,, वस्त्र, ग्रेनाइट उत्पादों का Export होता हैं।
निष्कर्ष:
हमारा भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है, इस कारण यहाँ कई बंदरगाह मौजूद है। कई बंदरगाह हमारे देश को राजनीतिक और भौगोलिक स्थितियों में मदद करते हैं। हमारे देश में लगभग 13 बड़े बंदरगाह है जबकि 200 से अधिक छोटे बंदरगाह मौजूद है। ऐसे में इस लेख के द्वारा हमने आपको Bharat Ke Pramukh Bandargah के बारे में विस्तार से बताया है। अगर आप भी भारत के बंदरगाह से संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।